बड़ी कंपनियों में निवेश: लाभ और सीमाएं, निवेश की दुनिया में ये आए बदलाव
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 03:15 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जब हम अपने निवेश सफर की शुरुआत करते हैं, तो सबसे पहली सलाह जो अक्सर सुनने को मिलती है, वह होती है – “बड़े नामों पर टिके रहो।” यह सलाह आसान, आत्मविश्वास बढ़ाने वाली और शेयर बाजार में कदम रखने के लिए एक सुरक्षित मार्गदर्शक लगती है। यह अब भी कई मामलों में एक प्रासंगिक और सही दिशा देने वाली सलाह है।हालांकि, समय के साथ यह भी स्पष्ट हुआ है कि इस सलाह के पीछे दो महत्वपूर्ण कमजोरियां छिपी होती हैं। हर शेयर में कितना निवेश करना है, इसका कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं।
केवल परिचित क्षेत्रों की जानी-पहचानी कंपनियों तक ही सीमित रहना।
इसका परिणाम होता है – असंतुलित पोर्टफोलियो, जिसमें विविधता की कमी होती है और जो पूरे बाजार के संभावित रिटर्न को पूरी तरह नहीं पकड़ पाता। समय के साथ निवेश की दुनिया जटिल और परिष्कृत हुई है। अब निवेशकों के सामने स्मार्ट बीटा फंड्स, ईटीएफ, थीमेटिक फंड्स जैसे ढेरों विकल्प हैं। लेकिन इनमें से कई विकल्प उतने सीधे और समझने योग्य नहीं होते।
गौरव परीजा, हेड – सेल्स और मार्केटिंग, बंधन एएमसी, मानते हैं कि अब समय है उन बुनियादी सिद्धांतों की ओर दोबारा देखने का, जिनसे हमने शुरुआत की थी – लेकिन इस बार उन्नत सोच और बेहतर संरचना के साथ।
BSE इंडिया सेक्टर लीडर्स इंडेक्स – एक बेहतर समाधान
इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखकर BSE इंडिया सेक्टर लीडर्स इंडेक्स को डिज़ाइन किया गया है। यह इंडेक्स BSE 500 में से हर सेक्टर की शीर्ष 3 कंपनियों को शामिल करता है। इसका उद्देश्य है –
प्रत्येक सेक्टर का उचित प्रतिनिधित्व देना, और केवल उन्हीं कंपनियों को चुनना जो अपने क्षेत्र में अग्रणी, मजबूत और स्थिर हैं।
इस इंडेक्स में स्टॉक्स का वेटेज उनकी फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर तय किया जाता है। साथ ही: किसी भी एक स्टॉक का वेट अधिकतम 5% तक सीमित है (जो बहुत अधिक एक स्टॉक पर निर्भरता से बचाता है), और न्यूनतम वेट 1% रखा गया है (ताकि छोटे लेकिन महत्वपूर्ण स्टॉक्स को भी जगह मिले)। इंडेक्स को हर तिमाही में रीबैलेंस किया जाता है और हर छह महीने में कंपनियों की पुनर्संरचना की जाती है।
एक संतुलित और व्यावहारिक रणनीति
अधिकांश ब्रॉड मार्केट इंडेक्स जैसे BSE 500 में फाइनेंशियल सेक्टर का वेटेज अत्यधिक होता है – अक्सर कुल का एक-तिहाई। वहीं, रियल्टी, मीडिया जैसे सेक्टर्स को बहुत कम वेट मिलता है।
BSE सेक्टर लीडर्स इंडेक्स इस असंतुलन को सुधारता है:
फाइनेंशियल सेक्टर को 15% से कम तक सीमित करता है।
और कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों को संतुलित अवसर देता है।
इस इंडेक्स के टॉप 10, 20 और 30 स्टॉक्स का संयुक्त वेटेज, BSE 500 की तुलना में अधिक है। यही नहीं, निचले वेट वाले स्टॉक्स को भी इस इंडेक्स में प्रभावशाली स्थान मिलता है – जो पारंपरिक इंडेक्स में अक्सर अनदेखे रह जाते हैं।
ऐतिहासिक प्रदर्शन – बेहतर परिणाम
हालांकि यह इंडेक्स लार्ज कैप झुकाव (लगभग 82% वेट) रखता है, लेकिन इसके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं:
पिछले 3 वर्षों में: BSE 500 ने 16.9% रिटर्न दिया, जबकि इस इंडेक्स ने 17.5%। पिछले 5 वर्षों में: BSE 500 ने 21.7%, और इसने 23.2% का वार्षिक रिटर्न दिया।
क्या यह रणनीति आपके लिए उपयुक्त है?
अगर आप एक ऐसे पोर्टफोलियो की तलाश में हैं जो: डाइवर्सिफाइड हो, प्रमाणित मार्केट लीडर्स पर केंद्रित हो, और आपको स्पष्टता, स्थिरता और गुणवत्ता प्रदान करे—तो BSE इंडिया सेक्टर लीडर्स इंडेक्स आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है।