मेरीटाइम क्षेत्र में भारत की वैश्विक महत्वाकांक्षा: तेजिंदर पी.एस. भामरा

punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 06:35 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत समुद्री क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में अग्रसर है। देश ने 2047 तक अपने समुद्री कार्यबल को मौजूदा 7.86 मिलियन से बढ़ाकर 40 मिलियन तक पहुँचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इस दिशा में कौशल विकास और प्रशिक्षण सबसे अहम कड़ी है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, देश का प्रमुख मेरीटाइम प्रशिक्षण संस्थान एंगलो-ईस्टर्न मेरीटाइम एकेडमी (एईएमए) प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है।

एईएमए का संचालन दुनिया की अग्रणी शिप मैनेजमेंट कंपनी, एंगलो-ईस्टर्न ग्रुप द्वारा किया जाता है, जिसका मुख्यालय हॉन्ग-कॉन्ग में है। यह संस्थान न केवल गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करता है, बल्कि छात्रों को पूर्ण प्लेसमेंट गारंटी के साथ समुद्री क्षेत्र में उज्जवल भविष्य की राह भी दिखाता है।

भारत: एक संभावनाओं से भरपूर मेरीटाइम हब एईएमए के प्रिंसिपल तेजिंदर पी.एस. भामरा ने कहा,

“भारत के पास 7500 किलोमीटर से अधिक का समुद्री तट है, जो इसे ग्लोबल मेरीटाइम हब बनने की असीम संभावनाएँ प्रदान करता है। 'मेरीटाइम विज़न 2030' के तहत, भारत ने वैश्विक मेरीटाइम नेतृत्व का लक्ष्य रखा है। इसके लिए कुशल कार्यबल की आवश्यकता है और एईएमए इसी दिशा में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने आगे कहा कि ब्लू इकोनॉमी को गति देने, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, मेरीटाइम सेक्टर में कौशल विकास को प्राथमिकता देना अनिवार्य है।

एईएमए की विशेषताएँ

100% प्लेसमेंट गारंटी: एईएमए भारत का एकमात्र मेरीटाइम प्रशिक्षण संस्थान है जो अपने कैडेट्स को पूर्ण प्लेसमेंट गारंटी देता है। सफल छात्रों को एंगलो-ईस्टर्न ग्रुप के जहाज़ों में प्रशिक्षण और नौकरी दोनों प्रदान की जाती हैं।

विश्वस्तरीय प्रशिक्षण:
संस्थान छात्रों को सिर्फ तकनीकी ज्ञान ही नहीं, बल्कि वित्तीय शिक्षा, व्यक्तिगत विकास, केस स्टडी और चर्चाओं के माध्यम से नेतृत्व कौशल भी प्रदान करता है।

पूर्व-प्रायोजित कार्यक्रम:
एईएमए का प्रशिक्षण कार्यक्रम एंगलो-ईस्टर्न द्वारा स्वयं प्रायोजित होता है, जिससे छात्रों को प्रशिक्षण के बाद सीधे कंपनी के जहाजों पर कार्य करने का अवसर मिलता है।

युवा शक्ति को दिशा देने का मंच

भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है — 65% से अधिक लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं। हर साल लाखों युवा कार्यबल में शामिल होते हैं। ऐसे में, एईएमए जैसे प्रतिष्ठित संस्थान उन्हें मर्चेंट नेवी ऑफिसर बनने का अवसर देते हैं, जिससे वे न केवल आत्मनिर्भर बनते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की हिस्सेदारी भी बढ़ाते हैं।

कौशल और समावेशन की दिशा में पहल

भामरा ने यह भी बताया कि संस्थान विविधता और समावेशन (Diversity & Inclusion) पर विशेष ध्यान दे रहा है। समुद्री क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने, विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमियों से आए छात्रों को प्रशिक्षण देने और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में कई पहल की गई हैं।

उन्होंने कहा,

"हम छात्रों को यह भी सिखाते हैं कि अपनी कमाई को कैसे बचाएं, निवेश करें और मुद्रास्फीति जैसे आर्थिक परिवर्तनों से कैसे निपटें। यह ज्ञान उन्हें केवल एक अच्छा नाविक ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी बनाता है।”


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Content Editor

Varsha Yadav

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