एथलीट अफरोज खीची और निशांत बंसल ने आईएफबीबी से जुड़े प्रमोटर्स के क्रियाकलापों पर उठाए सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Apr 02, 2024 - 06:31 PM (IST)

गुड़गांव। यहां एथलीट अफरोज खीची और निशांत बंसल ने भारतीय फ़िटनेस इंडस्ट्री व आईएफबीबी से जुड़े प्रमोटर्स के क्रियाकलापों पर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा है कि एथलीटों व फ़िटनेस से जुड़े युवाओं शोषण हो रहा है। वे दोनों यहां एक कार्यक्रम में इस क्षेत्र से जुड़े युवाओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, फ़िटनेस, बॉडी-बिल्डिंग से जुड़े इवेंट ग्लैमर व चकाचौंध से भरपूर होता है और यही कारण है कि बॉडी बिल्डिंग, फ़िटनेस से जुड़े युवा और एथलीट चीजों को समझ नहीं पाते और इस क्षेत्र से जुड़े  इवेंट प्रोमोटरों के धोखाधड़ी व  यह चमक दमक की दुनिया है तो इसके पीछे स्याह अंधेरा भी है। उत्पीड़न के शिकार हो जाते हैं।

 

उन्होंने कहा, वर्तमान में, भारत में फिटनेस इंडस्ट्री ने आईएनपीसी इंडिया और आमेच्योर ओलंपिया के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाने को आगे बढ़ने वाले एथलीटों की संख्या में तेज वृद्धि देखी है। इस सम्बंध में आईएफबीबी (इंटरनेशनल फ़िटनेस ऑफ बॉडीबिल्डिंग फेडरेशन) द्वारा कई इवेंट भी आयोजित किये जाते हैं। हालांकि, चमक और ग्लैमर के नीचे धोखे और शोधीकरण की एक धुंधली दुनिया है, जिसमें आईएफबीबी प्रमोटर्स विवाद के केंद्र में हैं।

 

भारतीय फिटनेस इंडस्ट्री में आयोजकों शेरू आंग्रेश और मनीष गांधी के नाम पर, एनपीसी, आमेच्योर ओलंपिया इंडिया, और शेरू क्लासिक जैसे बड़े शो आयोजित किए जाते हैं। ये शो भारतीय फिटनेस समुदाय के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन इनके पीछे की अंधेरी कहानी खिलाड़ियों के लिए वास्तविकता से दूर है। आज की तारीख में, यहां के फिटनेस उद्योग में धोखाधड़ी और उत्पीड़न के कई मामलों सामने आए हैं। समय की मांग है कि फ़िटनेस इंडस्ट्री से जुड़े इवेंट प्रोमोटरों पर लगाम लगाई जाय। साथ ही, इस क्षेत्र में कार्यक्रमों, इवेंट प्रायोजकों के लिए पारदर्शिता हो ताकि एथलीटों व फ़िटनेस से जुड़े लोगों को धोखाघड़ी से बचाया जा सके।उन्होंने कहा, उन्हें भी व अन्य एथलीटों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है और ये खिलाड़ी जो केवल अपने पेशेवर सपनों को पूरा करना चाहते थे, धोखा और उत्पीड़न की चाल में फंस गए हैं।

जाहिरतौर पर, अफरोज खीची और निशांत बंसल का यह साहसिक कदम भारतीय फिटनेस इंडस्ट्री में कमियों को दूर कर इसमें पारदर्शिता ला सकता है।


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Content Editor

Varsha Yadav

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